सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Canons of Taxation , Principles of Taxation

Canons of taxation :  characteristics or qualities which a good tax system should possess. In fact, canons of taxation are related to the administrative part of a tax. Adam Smith first devised the principles or canons of taxation in 1776. Adam Smith : 4 Principles (i) Canon of equality or equity.     (ii) Canon of certainty (iii) Canon of economy.                  (iv) Canon of convenience. Modern economists have added more in the list of canons of taxation. (v) Canon of productivity.             (vi) Canon of elasticity (vii) Canon of simplicity.             (viii) Canon of diversity. 1.Canon of Equality • Canon of equality states that the burden of taxation must be distributed equally or equitably among the taxpayers. • However, this sort of equality robs of justice because not all taxpayers have the same ability to pay taxes.  Rich people are c...

ECONOMICS MCQ's for UGC NTA NET JRF, MCQ's for First Grade School lecturer Economics,

1-Demand for a commodity refers to: 1. Need for the commodity 2. Desire for the commodity. 3. Amount of the commodity demanded at a particular price  and at a particular time 4.   Quantity demanded of that commodity   2-Which among the following statement is INCORRECT? 1.     On a linear demand curve, all the five forms of elasticity  can be depicted’ 2.     If two demand curves are linear and intersecting each other then coefficient of elasticity would be same on different demand curves at the point of intersection. 3.    If two demand curves are linear, and parallel to each other then at a particular price the coefficient of elasticity would be different on different demand curves. 4.   The price elasticity of demand is expressed in terms of relative not absolute, changes in Price and quantity demanded’   3-If the demand for a good is inelastic, an increase in its price will cause the total expenditure of the consumers of ...

Growth & Development MCQ's in Hindi, आर्थिक वृद्धि एवं विकास से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न

1. चाकू धार की समस्या (Knife-edge Problem) निम्न में से किस मॉडल से संबंधित है A. काल्डोर Kaldor B. डोमर Domar C. हैरोड Harod D. स्वान Swan 2. निम्न में से कौन सा जोड़ा सही सुमेलित (Correct Pairs) हैं A. लर्निंग बाय डूइंग                            : बी.एस. मिन्हास B. स्वर्णिम युग (Golden Age)             : केनेथ एरो C. CES उत्पादन फलन P.F.                 : आर.एम. सोलो D. तकनीकी प्रगति (Technical Progress) :  जॉन रॉबिंसन 3. निम्न में से कौन सा आर्थिक वृद्धि का मॉडल तकनीकी प्रगति को तटस्थ (neutrality of Technical progress) मानता है A. हैरोड मॉडल Harod Model B. सोलो मॉडल Solow Model C. A & B दोनों Both A & B D. दोनों में से कोई नहीं None 4. हैरोड डोमर समीकरण g = s/v में v क्या प्रदर्शित करता है A. देश में पूंजी स्टॉक का मूल्य Value of capital stock B. वृद्धिशील पूंजी उत्पाद अनुपात Incremental Capital-Output Ratio C. देश में पूं...

एडम स्मिथ का आर्थिक विकास सिद्धांत , आर्थिक विकास का प्रतिष्ठित सिद्धांत

एडम स्मिथ का आर्थिक विकास सिद्धांत   Adam Smith’s Theory of Economic Development • Book : An Enquiry into the Nature and Causes of the Wealth of Nations  (1776 )  • मुख्यतः आर्थिक विकास की समस्याओं पर आधारित  • आर्थिक विकास हेतु उत्तरदायी घटकों को निर्धारित करने का प्रयास किया  • साथ ही उन नीतिगत उपायों को भी सामने रखा जिनमें तीव्र वृद्धि के लिए वातावरण बनाया जाना संभव होता  • आंतरिक रूप से संगत प्रावैगिक मॉडल Dynamic Model प्रस्तुत किया । मान्यताएं : Assumptions • भूमि की पूर्ति स्थिर : supply of land cannot be increased • श्रम की असीमित पूर्ति : unlimited supply of labour • श्रम की उत्पादकता में वृद्धि श्रम विभाजन एवं पूंजी संचय द्वारा  • बाजार अर्थव्यवस्था पूर्ण प्रतियोगिता : market economy with perfect competition • निवेश अंतर्जात (Endogenous) तत्व : बचत से निर्धारित  • संसाधनों का आवंटन अबंध नीति ( Laissez faire) एवं अदृश्य हाथ (invisible hand) द्वारा एडम स्मिथ के सिद्धांत की प्रमुख विशेषताएं 1. प्राकृतिक नियमों की सार्वभौमिकता (Natural...

रिकार्डो का आर्थिक विकास सिद्धांत, आर्थिक विकास का रिकॉर्डो सिद्धांत, आर्थिक विकास का प्रतिष्ठित सिद्धांत, आर्थिक विकास का क्लासिकल सिद्धांत

Economic Development theory by Ricardo  आर्थिक विकास का रिकार्डो का सिद्धांत Book : the principles of political economy and taxation (1817) The basic theme of the model was the development of the economy from a progressive state into a stationary state अर्थव्यवस्था का विकास वृद्धि मान अवस्था से स्थिर अवस्था की ओर Theory argue that economic growth will decreases because of an increasing population and limited resources. आर्थिक विकास में कमी का कारण जनसंख्या में वृद्धि एवं भूमि की सीमितता Assumptions मान्यताएं • Two sector Economy : Agriculture & Industry (कृषि एवं उद्योग) • Land is fixed in quantity but differ in quality heterogeneous land भूमि की मात्रा स्थिर तथा भूमि की उर्वरा शक्ति में अंतर. • Land is used to produce only corn भूमि का प्रयोग अनाज उत्पादन हेतु • The labour and capital are variable inputs. श्रम एवं पूंजी परिवर्तनशील • Workers are paid subsistence wage. जीवन निर्वाह मजदूरी • Diminishing returns  घटते प्रतिफल • Malthusian theory of population माल्थस का जनसंख...

मौद्रिक नीति : अर्थ, आवश्यकता, उद्देश्य,उपकरण , मौद्रिक नीति के उपकरण अथवा रीतियां

मौद्रिक नीति वर्तमान समय में मौद्रिक नीति आर्थिक स्थिरीकरण का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। मौद्रिक नीति का आशय एक देश के केंद्रीय बैंक भारत में रिजर्व बैंक द्वारा साख नियंत्रण हेतु उपाय अपनाए गए उपायों से है‌‌। मुद्रा तथा साख की पूर्ति का एक निर्धारित स्तर बनाए रखने के लिए जो नीति अपनाई जाती हैं उसे मौद्रिक नीति कहा जाता है। मौद्रिक नीति की आवश्यकता • बेरोजगारी की मात्रा में निरंतर वृद्धि • राष्ट्रीय आय , लोगों के रहन-सहन, उपभोग स्तर, बचत शक्ति तथा विनियोग की प्रवृत्ति में वृद्धि से स्फीतिक वातावरण उत्पन्न होता है । इसे रोकने के लिए मौद्रिक नीति की आवश्यकता होती हैं। • वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि को रोकने के लिए • आर्थिक विकास की योजनाओं के कारण आयतों में निरंतर वृद्धि से भुगतान संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव जिससे अंतरराष्ट्रीय भुगतानों की समस्या उत्पन्न होती हैं और इसे हल करने के लिए उपयुक्त मौद्रिक नीति की आवश्यकता है। मौद्रिक नीति के उद्देश्य • रोजगार की स्थाई एवं उच्च स्तरीय स्थिति बनाए रखना • कीमतों में स्थिरता बनाए रखना • विनिमय दरों में स्थिरता बनाए रखना • आर्थिक विकास क...

अवसर लागत की अवधारणा , अवसर लागत क्या होती है ?

अवसर लागत  • अन्य कई नाम : वैकल्पिक लागत, हस्तांतरण आय, हस्तांतरण लागत, विस्थापित लागत आदि। अवसर लागत का अर्थ उत्पादन के सभी साधनों के वैकल्पिक प्रयोग होते हैं परंतु उसका प्रयोग एक ही समय में एक ही कार्य में हो सकता है अतः अन्य वैकल्पिक प्रयोगों के अवसरों का त्याग करना पड़ता है । त्यागे गए अवसर में मिलने वाला पारिश्रमिक ही उस साधन की अवसर लागत होती हैं अर्थात उत्पादन के साधन को एक प्रयोग या कार्य में बनाए रखने के लिए कम से कम इतना पारिश्रमिक अथवा पुरस्कार  अवश्य मिलना चाहिए जितना कि वह वैकल्पिक प्रयोगों में प्राप्त कर सकता है । यदि वैकल्पिक प्रयोग वाला पुरस्कार इस साधन को प्राप्त नहीं होता है तो वह साधन वर्तमान कार्य छोड़कर दूसरे व्यक्ति कार्य में चला जाएगा जहां उसको अधिक पारिश्रमिक मिलता है। श्रीमती जॉन रॉबिनसन "वह कीमत जो किसी साधन की एक इकाई को किसी उद्योग विशेष में बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।" प्रो. बेनहम "मुद्रा कि वह मात्रा जो कि कोई एक इकाई सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक प्रयोग में प्राप्त कर सकती हैं उसे हस्तांतरण आय कहते हैं।" उदाहरण एक व्यक्ति को एक फैक्ट्री में ₹5...

व्यापारिक बैंक के कार्य , व्यापारिक बैंकों द्वारा साख निर्माण , व्यापारिक बैंकों की साख सृजन की प्रक्रिया , Commercial Bank : Functions & Process of credit creation

Lesson 18 व्यापारिक बैंक : अर्थ एवं कार्य Commercial Bank : Meaning and Functions  बैंक शब्द की व्युत्पत्ति  इटालियन शब्द : BANCO फ्रांसीसी शब्द :  BANK जर्मन : BANCK अंग्रेजी  : BANK बैंक :  ऐसी संस्था जो अपने ग्राहकों को धन संबंधी समस्त लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं । अर्थात वह संस्था जो लोगों की जमाएं स्वीकार करती हैं तथा उन्हें ऋण उपलब्ध कराती हैं। भारतीय बैंकिंग कंपनीज एक्ट (1949) व्यापारिक बैंकों के कार्य : Functions • जमाए स्वीकार करना :  Accepting Deposits विभिन्न खातों के माध्यम से (बचत खाता, चालू खाता, अवधी जमाए आदि।) • ऋण प्रदान करना : Advancing Loan गृह निर्माण, शिक्षा, विवाह, वाहन आदि हेतु। अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण  अधि-विकर्ष (Over-draft)की सुविधा :  • साख निर्माण : Credit Creation जमाओ को ऋण के रूप में उधार देकर  • एजेंसी सेवाएं : Agency Function  चेक, विनिमय बिल, ड्राफ्ट स्वीकार करके उनका भुगतान  संपत्ति एवं वसीयत का न्यासी (ट्रस्टी) वाहक चेक (Bearer Cheque): नकद मुद्रा में भुगतान  रेखांकित चेक (Cross cheq...

Keynesian theory of Trade Cycle

Keynesian Theory of Trade Cycle • Keynes is credited with presenting a systematic analysis of factors causing business cycles. • According to Keynes economic fluctuations are due to change in rate of investment • Rate of investment depends upon : Rate of interest (Stable in short Run) MEC • MEC is the  expected rate of return on investment • Very low interest rates but not stimulate the economy because confidence would be too low. • Government should intervene in a crisis, running a deficit. MEC is depend on • Prospective yield (Entrepreneurs expectations) • Supply price of capital goods Variation in rate of interest caused by fluctuations in the marginal efficiency of capital. Business Cycle assign the measure role of Expectations. Business cycle for periodic fluctuations of employment , income and output . According to Keynes : income and output depend upon the volume of Employment.  The volume of employment is determined by three variables  • Marginal efficiency of cap...

केंद्रीय बैंक एवं भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति, केंद्रीय बैंक के कार्य एवं साख नियंत्रण रीतियां

            केंद्रीय बैंक : कार्य एवं साख नियंत्रण            Central Bank : Functions and Credit Control   • बैंकिंग एवं मौद्रिक क्षेत्र को नियमित एवं नियंत्रित  • स्थिर विकास, पूर्ण रोजगार, मूल्य स्थिरता  • अमेरिका : फेडरल रिजर्व बैंक  इंग्लैंड   : बैंक ऑफ इंग्लैंड  भारत   : भारतीय रिजर्व बैंक  केंद्रीय बैंक : किसी भी देश की वह शीर्ष संस्था है जो देश की मौद्रिक एवं बैंकिंग प्रणाली को नियमित एवं नियंत्रित करता है। केंद्रीय बैंक के कार्य : Functions 1. करेंसी का निर्गमन : issue of currency • नई मुद्रा जारी करने का एकाधिकार  • न्यूनतम कोष प्रणाली (भारत) : 1956   200 करोड़ का कोष,   (115 करोड़ सोना , 85 करोड़ विदेशी प्रतिभूतियां)  2. बैंकों का बैंक एवं नियंत्रणकर्ता : Banker’s Bank • व्यापारिक बैंकों के क्रियाकलापों पर नियंत्रण  • बैंकों को दिशा निर्देश  • बैंकों के मध्य विवादों का निपटारा (मध्यस्थ)  3. सरकारी बैंकर, एजेंट एवं सलाहकार...

अनुकूलतम जनसंख्या सिद्धांत , optimum population theory in Hindi

      अनुकूलतम जनसंख्या सिद्धांत     Optimum Population Theory (Modern theory) 1924 में एडविन कैनन : ब्रिटिश अर्थशास्त्री डॉल्टन,  रॉबिन्स, हिक्स, बोल्डिंग आदि ने इसमें सहयोग दिया । सिद्धांत   यह सिद्धांत स्पष्ट करता है कि किसी देश में जनसंख्या वृद्धि लाभदायक है या हानिकारक किसी देश के विकास के लिए कौन से जनसंख्या अनुकूल हैं । अनुकूलतम जनसंख्या वह होती हैं जिस पर देश में प्रति व्यक्ति वास्तविक आय अधिकतम हो जाती हैं। प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने पर जनसंख्या में वृद्धि होनी चाहिए। डाल्टन :  “अनुकूलतम जनसंख्या वह है जो प्रति व्यक्ति आय अधिकतम प्रदान करें ।“  प्रो. बोल्डिंग :  “जिस पर जीवन स्तर अधिकतम होता है । प्रो. हिक्स : “अनुकूलतम जनसंख्या वह है जिस पर प्रति व्यक्ति उत्पादन अधिकतम हो ।“  मान्यताएं (Assumptions) • कार्यशील जनसंख्या (working population) का कुल जनसंख्या से अनुपात स्थिर • जनसंख्या वृद्धि के साथ प्राकृतिक संसाधन, पूंजी स्टॉक एवं तकनीकी ज्ञान स्थिर। सिद्धांत की व्याख्या  अनुकूलतम जनसंख्या वह होती हैं जो प्राकृतिक...

UGC NET JRF ECONOMICS MCQ'S in Hindi

NET JRF ECONOMICS MCQ'S 1.कल्याणकारी सुधार (Welfare) प्राप्ति में कौन सी पद्धति (Technique) होती है यदि बाह्यताएं (Externalities) विद्यमान है A. विनियमन Regulations B. संपत्ति अधिकारों का समनुदेशन और सौदेबाजी की अनुमति Property Rights & Bargaining C. पीगू कर Pigouvian Tax D. उपर्युक्त सभी All of above 2.अभिकथन (A) : फ्रीडमैन का तर्क है कि मुद्रा माँग फलन एक स्थायी फलन है |    तर्क (R) :   फ्रीडमैन मुद्रा को एक प्रकार की परिसम्पत्ति  मानते हैं, जिसमें संपदा धारक अपनी संपदा का एक भाग रख सकते हैं | (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है | (A) और (R) दोनों सही हैं किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है | (A) सही हैं, किंतु (R) सही नहीं है | (A) सही नहीं है, किंतु (R) सही है | 3. प्रत्याशा-वर्धित फिलिप्स वक्र द्वारा वर्णित संबंध निम्नलिखित में से किसमें सही है ? A. केवल दीर्घ अवधि में                      B.  केवल अल्प अवधि में C. अल्प अवधि और दीर्घ अवधि दोनों में  D.   न...

सीमांत उपयोगिता हास नियम हा्समान सीमांत उपयोगिता नियम

सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम Law of diminishing Marginal Utility उपयोगिता ह्रास नियम उपभोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नियम है। इस नियम का प्रतिपादन फ्रेंच अर्थशास्त्री गोसेन ने 1854 किया था अतः इसे ‘गोसेन का प्रथम नियम’ भी कहा जाता है।  बाद में इसकी आधुनिक, विस्तृत एवं वैज्ञानिक व्याख्या प्रोफ़ेसर अल्फ्रेड मार्शल द्वारा की गई हैं। इसे उपभोग का सार्वभौमिक नियम भी कहा जाता है। नियम का कथन : प्रोo मार्शल ने इसको इस प्रकार परिभाषित किया है- "किसी मनुष्य के पास किसी वस्तु के स्टॉक की मात्रा में वृद्धि होने से जो अतिरिक्त लाभ उसको प्राप्त होता है, तो अन्य बातें समान रहने पर वह वस्तु के स्टॉक की मात्रा में प्रत्येक वृद्धि के साथ-साथ घटता जाता है।" दूसरे कथन के अनुसार, “ जब कोई उपभोक्ता अन्य वस्तुओं के उपभोग को स्थिर रखते हुए किसी वस्तु के उपभोग को बढ़ाता है तो परिवर्तनशील वस्तु की सीमान्त उपयोगिता अंत मे अवश्य घटती है। नियम की व्याख्या अथवा स्पष्टीकरण : Explanation एक दिन में आम के  उपभोग की मात्रा (Q)     सीमांत उपयोगिता  ...

Coase Theorem , Coase Theorem & Externalities

Coase Theorem  कोज प्रमेय • Ronald Coase : British Economist • Book : The Problem of Social Cost (1960) , Noble prize in 1991 • Coase theory is developed through the Criticism of Pigouvian theory  Pigouvian solution prefer to use Government intervention  to solve Externalities कोज का सिद्धांत पीगू्वियन सिद्धांत की आलोचना पर आधारित है। पीगू्वियन हल बाह्यताओं को हल करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप पर बल In Neo-classical theory government interference is not approved According to Ronald Coase there is no need for government interference to control externalities (Eg. pollution) रोनाल्डो कोज के अनुसार बाह्यताओं को नियंत्रित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं An optimum solution which satisfies both polluter and victims can be achieved through bargaining परस्पर सौदेबाजी द्वारा अनुकूलतम हल की प्राप्ति जो दोनों को संतुष्ट करती है (बाह्यताएं सृजित करने वाले लोग तथा उससे पीड़ित लोग) Assumptions मान्यताएं • Number of contracting parties...

तटस्थता वक्र, उदासीनता वक्र विश्लेषण

तटस्थता वक्र विश्लेषण : क्रमवाचक विश्लेषण   Indifference curve analysis : (उदासीनता वक्र) प्रो. जे.आर. हिक्स, आर.डी.ऐलन , स्लट्स्की, परेटो  परिभाषा : एक तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के उन विभिन्न संयोगो को बताता है जो किसी उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्रदान करते हैं ।  तटस्थता अनुसूची एवं वक्र  संयोग       वस्तु-X          वस्तु-Y        संतुष्टि A                1                20              K B                2                15              K C                3                11              K D            ...

उपभोक्ता का संतुलन , उपयोगिता विश्लेषण , सीमांत उपयोगिता हास नियम एवं सम सीमांत उपयोगिता नियम

      उपभोक्ता संतुलन Consumer's equilibrium गणनावाचक विश्लेषण :  मार्शल,पीगू,एजवर्थ,फिशर,जेवन्स,        इसके अनुसार उपयोगिता मापनीय है। उपयोगिता को संख्या के रूप में माप सकते हैं । उपयोगिता मापने की इकाई यूटिल्स हैं ।          U = f ( X 1 , X 2 , X 3 …….. Xn) क्रमवाचक विश्लेषण :  प्रो. जे.आर. हिक्स, R. D. ऐलन  इसके अनुसार उपयोगिता को संख्या के रूप में मापना कठिन है । उपयोगिता को केवल क्रम प्रदान किया जा सकता है। इसकी व्याख्या तटस्थता वक्र विश्लेषण द्वारा की जाती हैं।  उपयोगिता : Utility  (गणनावाचक विश्लेषण) कोई वस्तु या सेवा जिसका प्रयोग करने से उपभोक्ता की आवश्यकता की संतुष्टि होती हैं। किसी वस्तु की उपयोगिता अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं । अर्थशास्त्री : एजवर्थ , फिशर , एंटोनेली , वालरस, जेवन्स आदि ने बताया उपयोगिता को माप सकते हैं और यह विभिन्न वस्तुओं के उपभोग की मात्रा पर निर्भर करती हैं।                   U...