केंद्रीय बैंक एवं भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति, केंद्रीय बैंक के कार्य एवं साख नियंत्रण रीतियां
केंद्रीय बैंक : कार्य एवं साख नियंत्रण
Central Bank : Functions and Credit Control
• बैंकिंग एवं मौद्रिक क्षेत्र को नियमित एवं नियंत्रित
• स्थिर विकास, पूर्ण रोजगार, मूल्य स्थिरता
• अमेरिका : फेडरल रिजर्व बैंक
इंग्लैंड : बैंक ऑफ इंग्लैंड
भारत : भारतीय रिजर्व बैंक
केंद्रीय बैंक : किसी भी देश की वह शीर्ष संस्था है जो देश की मौद्रिक एवं बैंकिंग प्रणाली को नियमित एवं नियंत्रित करता है। केंद्रीय बैंक के कार्य : Functions
1. करेंसी का निर्गमन : issue of currency
• नई मुद्रा जारी करने का एकाधिकार
• न्यूनतम कोष प्रणाली (भारत) : 1956
200 करोड़ का कोष,
(115 करोड़ सोना , 85 करोड़ विदेशी प्रतिभूतियां)
2. बैंकों का बैंक एवं नियंत्रणकर्ता : Banker’s Bank
• व्यापारिक बैंकों के क्रियाकलापों पर नियंत्रण
• बैंकों को दिशा निर्देश
• बैंकों के मध्य विवादों का निपटारा (मध्यस्थ)
3. सरकारी बैंकर, एजेंट एवं सलाहकार
Bankers to the government (Agent & Advisor)
• नीति निर्माण में सहायता : सलाहकार
• सरकार का धन जमा, भुगतान
4. अंतरराष्ट्रीय विनिमय बिलो का संरक्षक
Custodian of foreign Exchange reserves
• विदेशी मुद्रा को अपने पास जमा करता
• सरकार की ओर से अदायगी
• विनिमय दर में स्थिरता के उपाय (अवमूल्यन,अधिमूल्यन)
5. अंतिम ऋणदाता : Lender of the last Resort
• अधिनस्थ बैंकों को संकट के समय ऋण
• प्रतिभूतियों की एवज में ॠण
6. केंद्रीय समाशोधन : Clearing House Function
• व्यापारिक बैंकों के आपसी लेनदेन का समाशोधन
• राशि स्थानांतरित करने का माध्यम
7. साख का नियमन एवं नियंत्रण : controller of credit
• मुद्रा एवं साख की मात्रा पर मौद्रिक नीति द्वारा नियंत्रण
• मुद्रास्फीति एवं मुद्रा संकुचन
साख नियंत्रण के उपाय : credit control instruments
मात्रात्मक उपाय : Quantitative
• बैंकदर
• खुले बाजार की क्रियाएं
• नकद कोष एवं वैधानिक तरलता अनुपात
गुणात्मक उपाय : Qualitative
• चयनात्मक साख
• साख की राशनिंग
• नैतिक दबाव
• प्रत्यक्ष कार्रवाई
मात्रात्मक उपाय :
1.बैंक दर : Bank Rate
वह दर जिस पर केंद्रीय बैंक , व्यापारिक बैंकों को ऋण उपलब्ध कराता है ।
देश में साख की मात्रा कम करने के लिए : बैंक दर में वृद्धि जिससे ब्याज दर में वृद्धि ऋण की मांग कम
देश में साख का विस्तार करने के लिए : बैंक दर में कमी
जिससे ब्याज दर में कमी , ॠणो की मांग में वृद्धि
2.खुले बाजार की क्रियाएं : Open Market Operation
केंद्रीय बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करना ।
साख की मात्रा में कमी करने के लिए : विक्रय
साख की मात्रा में वृद्धि हेतु : क्रय
3.नकद कोषानुपात एवं वैधानिक तरलता अनुपात : CRR & SLR
SLR : व्यापारिक बैंकों को अपनी जमाओं का एक निश्चित भाग नकद रूप में स्वयं के पास रखना पड़ता है ।
नकद कोषानुपात : CRR बैंकों को अपने कुल संपत्ति का एक निश्चित अनुपात केंद्रीय बैंक के पास नकद रूप में रखना होता है।
साख विस्तार हेतु : CRR & SLR में वृद्धि
साख संकुचन हेतु : CRR & SLR में वृद्धि
गुणात्मक उपाय : Qualitative
1.चयनात्मक साख नियंत्रण : Selective Credit Control
• ऋण सीमा में परिवर्तन
• क्षेत्र विशेष के ऋणों की जांच एवं नियंत्रण
• विलासिता वस्तुओं की किस्त में परिवर्तन
2.साख की राशनिंग : Rationing of Credit
• साख की अधिकतम मात्रा का निर्धारण
• उद्योग व व्यवसाय के ऋण की सीमा (कोटा) निश्चित
• बिल पुनः भुनाने की सुविधा समाप्त या सीमित
3.नैतिक दबाव : Moral Suasion
• व्यापारिक बैंकों को सलाह / मार्गदर्शन
• नैतिक अनुरोध से साख नियंत्रण का दबाव
4.प्रचार प्रसार : Publicity
• पत्र पत्रिकाएं, जर्नल, बुलेटिन प्रकाशन आदि द्वारा ।
• अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के उपाय
5.प्रत्यक्ष कार्यवाही : Direct action
• व्यापारिक बैंकों पर कठोर कार्रवाई
• दोषी बैंकों को पुनर्कटौती की सुविधा नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक : भारत का केंद्रीय बैंक (RBI)
स्थापना : 1 अप्रैल 1935
राष्ट्रीयकरण : 1949
कार्यालय : मुंबई
केंद्रीय निदेशक बोर्ड
बोर्ड की नियुक्ति : भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुसार
• गठन : 4 वर्ष के लिए
सरकारी निदेशक : पूर्णकालिक अवधि के लिए
एक गवर्नर , अधिकतम उप गवर्नर
गैर सरकारी निदेशक :
• सरकार द्वारा नामित
• दस निदेशक, दो सरकारी अधिकारी
• चार निदेशक (स्थानीय बोर्ड से)
गवर्नर > उप गवर्नर > कार्यपालक निदेशक > प्रधान मुख्य महाप्रबंधक > प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक > मुख्य महाप्रबंधक > महाप्रबंधक > उप महाप्रबंधक > सहायक महाप्रबंधक > प्रबंधक > सहायक प्रबंधक > सहायक स्टाफ
रिजर्व बैंक के कार्य : Functions
1.नए नोट का निर्गमन : Note Issue
भारत में न्यूनतम कोष प्रणाली (1956) , 200 करोड़ का न्यूनतम कोष (सोने एवं विदेशी प्रतिभूतियों के रूप में)
2.मौद्रिक प्राधिकारी : Monetary authority
3.वित्तीय प्रणाली का नियमन : (बैंकिंग प्रणाली) पर नियंत्रण
4.विदेशी मुद्रा का प्रबंधन : Management of Foreign Exchange
5.विकासात्मक भूमिका : Developmental Function
• विकास हेतु मार्गदर्शन
• वित्तीय संस्थाओं की मजबूती
अन्य कार्य
6.सरकार का बैंकर : Banker’s to the Government
7.बैंकों का बैंक : Banker’s Bank
8.सूचनाएं प्रकाशित करना : Publication of Information
• देश की आर्थिक स्थिति
• वार्षिक एवं मासिक प्रकाशन
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति : Monetary Policy
मुद्रा एवं साख की मात्रा पर नियंत्रण
1.रेपो दर : Rapo Rate
वह ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराता है ।
साख विस्तार : रेपो दर में कमी
साख संकुचन : रेपो दर में वृद्धि
2.रिवर्स रेपो दर : Reverse Repo rate
वह ब्याज दर जो रिजर्व बैंक द्वारा व्यापारिक बैंकों को उनकी अल्पकालीन जमाओ के बदले दी जाती हैं।
रिवर्स रेपो दर में वृद्धि : रिजर्व बैंक की जमाओं में वृद्धि 3.नकद कोष अनुपात : Cash Reserve Ratio
व्यवसायिक बैंकों को अपनी जमाओं का एक निश्चित भाग रिजर्व बैंक के पास नकद रूप में रखना पड़ता है।
साख विस्तार हेतु : CRR में कमी
साख संकुचन हेतु : CRR वृद्धि
4.वैधानिक तरलता अनुपात : Statutory Liquidity Ratio
RBI अपने अधीनस्थ बैंकों को निर्देश देता है कि अपनी कुल नकद जमाओं का एक निश्चित अनुपात स्वयं के पास जमा कोष में रखें।
साख विस्तार हेतु : SLR कमी
साख संकुचन हेतु : SLR वृद्धि
केंद्रीय बैंक एवं व्यापारिक बैंकों की तुलना
Comparison of Central Bank and commercial bank
उद्देश : Motive
• व्यापारिक बैंक : लाभ कमाना
• केंद्रीय बैंक : मुद्रा एवं साख पर नियंत्रण
साख निर्माण : Credit Creation
• व्यापारिक बैंकों : व्युत्पन्न जमाओं से
• केंद्रीय बैंक : नए नोट निर्गमन द्वारा
ॠण : Advancing Loan
• व्यापारिक बैंक : लोगों को अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन
• केंद्रीय बैंक : सरकार एवं व्यवसायिक बैंकों को
जमाएं : Public Deposits
• व्यवसायिक बैंक : लोगों से जमाएं स्वीकार
• केंद्रीय बैंक : लोगों से प्रत्यक्ष लेनदेन नहीं
मौद्रिक नीति : Monetary Policy
• व्यापारिक बैंक :
• केंद्रीय बैंक : मौद्रिक नीति का निर्माण
नकद अनुपात : Cash Reserves
• व्यापारिक बैंक : अपनी जमाओं का एक निश्चित भाग
केंद्रीय बैंक के पास
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