अवसर लागत
• अन्य कई नाम : वैकल्पिक लागत, हस्तांतरण आय, हस्तांतरण लागत, विस्थापित लागत आदि।
अवसर लागत का अर्थ
उत्पादन के सभी साधनों के वैकल्पिक प्रयोग होते हैं परंतु उसका प्रयोग एक ही समय में एक ही कार्य में हो सकता है अतः अन्य वैकल्पिक प्रयोगों के अवसरों का त्याग करना पड़ता है । त्यागे गए अवसर में मिलने वाला पारिश्रमिक ही उस साधन की अवसर लागत होती हैं अर्थात उत्पादन के साधन को एक प्रयोग या कार्य में बनाए रखने के लिए कम से कम इतना पारिश्रमिक अथवा पुरस्कार अवश्य मिलना चाहिए जितना कि वह वैकल्पिक प्रयोगों में प्राप्त कर सकता है । यदि वैकल्पिक प्रयोग वाला पुरस्कार इस साधन को प्राप्त नहीं होता है तो वह साधन वर्तमान कार्य छोड़कर दूसरे व्यक्ति कार्य में चला जाएगा जहां उसको अधिक पारिश्रमिक मिलता है।
श्रीमती जॉन रॉबिनसन
"वह कीमत जो किसी साधन की एक इकाई को किसी उद्योग विशेष में बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।"
प्रो. बेनहम
"मुद्रा कि वह मात्रा जो कि कोई एक इकाई सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक प्रयोग में प्राप्त कर सकती हैं उसे हस्तांतरण आय कहते हैं।"
उदाहरण
एक व्यक्ति को एक फैक्ट्री में ₹500 प्रतिदिन मिलते हैं। यदि उसी व्यक्ति को दूसरी फैक्ट्री में ₹1000 प्रतिमाह मिले तो इस व्यक्ति की अवसर लागत ₹1000 होगी और यदि उस व्यक्ति को वर्तमान कार्य में बनाए रखना है तो उसे मजदूरी का भुगतान भी ₹1000 ही करना पड़ेगा नहीं तो यह व्यक्ति उस फैक्ट्री को छोड़कर दूसरे फैक्ट्री में चला जाएगा जहां उसे ₹1000 मिलते हैं । इस प्रकार अवसर लागत वह होती हैं जो किसी साधन को अन्य सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक रूप में प्राप्त हो सकती हैं।
विशेषताएं
• अवसर लागत की अवधारणा सभी प्रकार के उद्योगों में लागू होती हैं
• अवसर लागत में स्पष्ट एवं स्पष्ट लागतों को सम्मिलित किया जाता है
• अवसर लागत मौद्रिक लागत अथवा आय के रूप में भी व्यक्त की जा सकती हैं
• अवसर लागत विशिष्टता की दर पर निर्भर करता है। जो साधन जितना अधिक विशिष्ट होगा उसकी अवसर लागत भी उतनी ही कम होगी। पूर्णतया विशिष्ट साधन (एक ही प्रयोग) की स्थिति में उस साधन की अवसर लागत 0 होगी।
अवसर लागत का महत्व
• लगान के आधुनिक सिद्धांत का आधार है ।
लगान = वास्तविक आय - अवसर लागत (हस्तांतरण आय)
• उत्पादन के साधनों को विभिन्न वैकल्पिक उपयोगों में वितरित करने में सहायक जहां उसे अधिकतम आय प्राप्त हो सके।
• यह लागत में परिवर्तन के कारणों को स्पष्ट करता है।
• इस अवधारणा से यह पता चलता है कि कोई निश्चित साधन किसी विशेष वस्तु के उत्पादन में क्यों लगा हुआ है।
अवसर लागत की अवधारणा की आलोचना
• यह अवधारणा विशिष्ट साधनों के संदर्भ में लागू नहीं होती जिन का केवल एक ही प्रयोग होता है ऐसी स्थिति में उनकी अवसर लागत शून्य होते हैं और इससे उनकी उत्पादन लागत मालूम नहीं कर सकते हैं।
• यह विचार पूर्ण प्रतियोगिता की वास्तविक मान्यता पर आधारित हैं जो वास्तविक जीवन में नहीं पाई जाती हैं।
• अवसर लागत की अवधारणा इस मान्यता पर आधारित हैं कि उत्पादन के साधन किसी विशिष्ट कार्य के लिए कोई अपनी विशेष रूचि यह अभिमान नहीं रखते हैं जबकि व्यवहार में साधनों की अपनी विशिष्ट रूचि होती हैं।
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