व्यापारिक बैंक के कार्य , व्यापारिक बैंकों द्वारा साख निर्माण , व्यापारिक बैंकों की साख सृजन की प्रक्रिया , Commercial Bank : Functions & Process of credit creation
Lesson 18 व्यापारिक बैंक : अर्थ एवं कार्य
Commercial Bank : Meaning and Functions
बैंक शब्द की व्युत्पत्ति
इटालियन शब्द : BANCO
फ्रांसीसी शब्द : BANK
जर्मन : BANCK
अंग्रेजी : BANK
बैंक : ऐसी संस्था जो अपने ग्राहकों को धन संबंधी समस्त लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं ।
अर्थात वह संस्था जो लोगों की जमाएं स्वीकार करती हैं तथा उन्हें ऋण उपलब्ध कराती हैं।
भारतीय बैंकिंग कंपनीज एक्ट (1949)
व्यापारिक बैंकों के कार्य : Functions
• जमाए स्वीकार करना : Accepting Deposits
विभिन्न खातों के माध्यम से (बचत खाता, चालू खाता, अवधी जमाए आदि।)
• ऋण प्रदान करना : Advancing Loan
गृह निर्माण, शिक्षा, विवाह, वाहन आदि हेतु। अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण
अधि-विकर्ष (Over-draft)की सुविधा :
• साख निर्माण : Credit Creation
जमाओ को ऋण के रूप में उधार देकर
• एजेंसी सेवाएं : Agency Function
चेक, विनिमय बिल, ड्राफ्ट स्वीकार करके उनका भुगतान
संपत्ति एवं वसीयत का न्यासी (ट्रस्टी)
वाहक चेक (Bearer Cheque): नकद मुद्रा में भुगतान
रेखांकित चेक (Cross cheque) : खाते में भुगतान
• अन्य सेवाएं
इंटरनेट बैंकिंग
एटीएम सुविधा
मोबाइल बैंकिंग
लॉकर सुविधा
क्रेडिट कार्ड
साख निर्माण : Credit Creation
• कागजी मुद्रा निर्गमन द्वारा
• व्युत्पन्न जमाओ द्वारा
कागजी मुद्रा निर्गमन द्वारा
कागजी मुद्रा निर्गमन द्वारा देश का केंद्रीय बैंक साख निर्माण करता है । देश में नई मुद्रा सिर्फ केंद्रीय बैंक ही जारी कर सकता है । भारत में यह न्यूनतम कोष प्रणाली पर आधारित है। (रिजर्व बैंक)
व्युत्पन्न जमाओ द्वारा साख निर्माण/सृजन
Credit creation by derived deposits
बैंकों के पास लोगों की छोटी-छोटी बचत राशि जमा कराई जाती है जो चेक द्वारा भी निकलवाई जा सकती हैं। यह राशि मांग पर देय होती हैं (मांग जमाएं)
इन जमाओं के बढ़ने पर बैंकों द्वारा कुल जमाओं से कई गुना राशि उधार दे दी जाती हैं अर्थात ऋणों की राशि जितनी अधिक होगी साख जमाएं भी उतनी ही अधिक होगी और इससे ऋणों का निर्माण भी अधिक होगा । इस प्रकार प्रारंभिक जमाओं से व्युत्पन्न जमाओं का निर्माण होता है और व्युत्पन्न जमाओं से साख का निर्माण होता है।
प्रारंभिक जमाएं : Primary Deposits
ऐसी जमाएं जो जमाकर्ता द्वारा वास्तविक मुद्रा के रूप में बैंक में जमा की जाती हैं ।
व्युत्पन्न जमाएं : Derived Deposits
ऐसी जमाएं जो बैंक प्रारंभिक जमाओं से प्राप्त राशियों से खाता खोलकर राशि जमा करता है ।
साख सृजन की प्रक्रिया : Process of Credit Creation
व्यापारिक बैंक प्रारंभिक जमाओं का एक निश्चित भाग नकद कोष में रखकर शेष राशि ऋण के रूप में उधार दे देता है। ऋणी को यह राशि नकद मुद्रा में ना देकर उसका ऋण खाता खोलकर उसमें जमा कर दी जाती हैं जो व्युत्पन्न जमा कहलाती हैं । इसका एक निश्चित अनुपात बैंक अपने पास रखकर शेष राशि पुनः ऋण के रूप में उधार दे देता हैं । यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती हैं जब तक कि व्युत्पन्न जमाएं शून्य ना हो जाए।
चरण जमाएं नकद कोष
10% प्रदत्त ऋण/ व्युत्पन्न जमाएं
1 10,000 1000 9000
2 9000 900 8100
3 8100 810 7290
4 7290 729
5 - - -- --
6 - -
Total 100,000 10,000 90,000
Credit multiplier (साख गुणक) = 1/CRR
कुल साख निर्माण = 1/CRR × D
व्युत्पन्न जमाएं = कुल जमाएं - कुल कोषानुपात
साख सृजन की सीमाएं : Limitations
• देश में बैंकिंग विकास का स्तर
• लोगों की बैंकिंग आदतें
• व्यवसाय एवं औद्योगिक विकास का विस्तार
• केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति
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