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12th NCERT (Lesson 1) भारत का आर्थिक विकास स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था

       भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास
                     Lesson 1
स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था


किसी देश की अर्थव्यवस्था में उन सभी आर्थिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जो लोगों के जीवन स्तर को निर्धारित करते हैं।
ब्रिटिश उपनिवेश के कारण स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब अवस्था में थी।
ब्रिटिश उपनिवेश का मुख्य उद्देश्य
ब्रिटेन में औद्योगिकरण की प्रक्रिया को तेज करना
 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ था तो उस समय भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब दशा में अपंग अर्थव्यवस्था (Crippled Economy) थी।

स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति
      (विशेषताएं) : Features

1. आर्थिक विकास का निम्न स्तर : स्थिर अर्थव्यवस्था
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने भारत में कभी भी राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय की गणना नहीं की थी।
स्वतंत्रता के समय प्रति व्यक्ति आय का निम्न स्तर
     PCI  ₹230 : 1947-48
डॉ V.K.R.V. राव के अनुमान के अनुसार भारत की GDP में वार्षिक वृद्धि 2% से भी कम थी जबकि PCI में वृद्धि 0. 5 %
स्वतंत्रता से पहले GDP के अनुमान : दादा भाई नौरोजी, विलियम डिग्बी, फिंडले सिराज, डॉ. वी.के.आर.वी. राव, R.C. देसाई आदि।
2. कृषि क्षेत्र का पिछड़ापन : Backward Agriculture sector
70-75% जनसंख्या कृषि क्षेत्र में लगी हुई
85% जनसंख्या गांव में निवास
GDP में योगदान 50%
कृषि में निम्न उत्पादकता
कारण : Causes
भू राजस्व व्यवस्था : जमींदारी व्यवस्था, महलवारी व्यवस्था रैयतवाड़ी व्यवस्था
कृषि का व्यवसायीकरण
मानसून पर अधिक निर्भरता
सिंचाई के साधनों एवं आधुनिक तकनीक का अभाव

3. औद्योगिक क्षेत्र का पिछड़ापन Backward industrial sector
अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों में
औद्योगिकरण के दोहरे उद्देश्य
वि औद्योगीकरण (De-industrialisation) : हस्तशिल्प / हैंडीक्राफ्ट उद्योगों का नाश
पूंजीगत वस्तुओं के उद्योगों का अभाव
सार्वजनिक क्षेत्र का सीमित विस्तार
भेदभाव पूर्ण टैरिफ नीति
मशीनों से उत्पादित वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा
भारी एवं आधारभूत उद्योगों का अभाव
 : टिस्को (TISCO) कंपनी 1907
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात : चीनी, सीमेंट, कागज उद्योग
कॉटन मिल : महाराष्ट्र गुजरात
जूट उद्योग : बंगाल
4. विदेशी व्यापार की विशेषताएं : Foreign Trade
प्राथमिक उत्पाद / कच्चे माल का निर्यात
कच्चा सिल्क, कॉटन , ऊन , जूट
निर्मित वस्तुओं का आयात
कोटन एवं सिल्क के निर्मित कपड़े , पूंजीगत वस्तुएं (मशीनरी)
भेदभाव पूर्ण टैरिफ नीतियां
विदेशी व्यापार पर ब्रिटेन का एकाधिकार : 50%
    स्वेज नहर (1869) : ब्रिटेन का नियंत्रण
अन्य भागीदार देश : चीन, सीलोन (श्रीलंका), पर्शिया (ईरान)
विदेशी व्यापार संतुलन निर्यात आधिक्य की स्थिति
भारतीय संपत्ति का दुरुपयोग : धन का निष्कासन
5. जनांकिकीय स्थिति : Demographic Conditions
प्रथम जनगणना : 1881
1921 : जनसंख्या विभाजन का वर्ष (जनांकिकीय संक्रमण का सोपान)/1921 के बाद द्वितीय सोपान
उच्च जन्म दर: 48 प्रति हजार (1921)
 स्वतंत्रता के समय 40 प्रति हजार,  वर्तमान में (20.4)
मृत्यु दर : 40 प्रति हजार (1921) , वर्तमान में 6.4 (2016)
उच्च शिशु मृत्यु दर : 218 प्रति हजार                 : वर्तमान में 29.9 प्रति हजार(2018)
साक्षरता दर : 16%  ,       अशिक्षित : 84%
निम्न जीवन प्रत्याशा दर : 44 वर्ष (1921),      32 वर्ष (1947),      वर्तमान (2018) : 69 वर्ष
निम्न जीवन स्तर : आय का 80% से 90% तक आधारभूत आवश्यकताओं पर खर्च
सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव
महिला साक्षरता दर :7.3%(1947),         65.4% (2011)
6. पिछड़ी हुई आधारभूत संरचना : Poor Infrastructure
अच्छी आधारभूत संरचनाओं का अभाव
      सड़कें, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा , संचार आदि का अभाव
स्वयं के उद्देश्य की पूर्ति हेतु आधारभूत संरचना का विकास (सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, जल यातायात, डाक एवं टेलीग्राफ)
रेलवे का प्रारंभ : 1850, प्रथम यात्री ट्रेन 1853 मुंबई ठाणे     प्रथम रेलवे ब्रिज : मुंबई- ठाणे (1854)
टाटा एयरलाइंस (1932), टाटा & संस, वर्तमान में एयर इंडिया
7. व्यवसायिक संरचना : Occupational Structure
70-75% जनसंख्या कृषि कार्यों में
विनिर्माण क्षेत्र : 10%
सेवा क्षेत्र : 15-20%
8. निर्धनता : Poverty
    प्रति व्यक्ति आय एवं जीडीपी का निम्न स्तर
    रहन-सहन का निम्न स्तर
9. शहरीकरण का अभाव : Lack of Industrialisation
        1947-48 : 14 - 15% जनसंख्या शहरों में निवास

ब्रिटिश शासनकाल के सकारात्मक प्रभाव : Positive Effect
यातायात सुविधाएं : मुख्य रूप से रेलवे (1850)
बंदरगाहों का विकास
डाक एवं टेलीग्राफ की सुविधाएं :
            प्रथम टेलीग्राफ लाइन (1852)
मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था का आधार
कानून एवं न्याय व्यवस्था
देश का राजनीतिक एवं आर्थिक एकीकरण
बैंकिंग एवं मौद्रिक प्रणाली का विकास


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